राजधानी रांची में नियम-कानून को ताक पर रखकर 2000 से अधिक मटन व चिकन की दुकानें चल रही हैं। इन दुकानदारों पर न तो पुलिस प्रशासन डंडा चला पा रहा है और न ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी ऐसे व्यापारियों पर कोई कार्रवाई करते नजर आ रहा है। शहर में जितनी भी दुकानें चौक-चौराहों और सड़कों के किनारे लगती हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि उन व्यापारियों के पास किसी भी प्रकार के कोई लाइसेंस नहीं हैं। लोग खुले आम सड़कों के किनारे मांस-मछली बेच रहे हैं। शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में पशुओं को खुले आम काटकर लटका कर छोड़ देते हैं, जिस पर धूल और मक्खियाँ बैठती रहती हैं। इनके द्वारा एफएसएसएआइ की किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस प्रशासन चैन की बंसी बजाने में मशगूल है।
मात्र 98 व्यापारियों के पास है लाइसेंस:
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुबीर रंजन ने बताया कि शहर में 2000 से अधिक दुकानें लगी हुई हैं। लेकिन, उनमें से अब तक मात्र 98 व्यापारियों के पास ही मटन और चिकन बेचने का लाइसेंस है। इनके पास ऐसे लाइसेंस हैं, जो शहर में स्लाटरिंग और मीट प्रोसेसिंग दोनों कार्य कर सकते हैं। बाकी शहर में जितनी भी दुकानें चल रही हैं, उनमें से अधिकांश व्यापारियों के पास कोई भी लाइसेंस नहीं है। उन्होंने बताया कि शहर में अधिकांश दुकानें ऐसी हैं जिसके पास या तो लाइसेंस नहीं हैं, या फिर जिसने लाइसेंस को रिन्यू नहीं कराया है। ऐसे व्यापारी शहर में अवैध तरीके से मीट बेचने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जहां पिछले साल दिसंबर 2023, तक शहर में 118 व्यापारियों के पास स्लाटरिंग और मीट प्रोसेसिंग का लाइसेंस था। साल 2024 में यह संख्या घटकर 98 हो गई है। संख्या घटने का एक बड़ा कारण व्यापारी द्वारा एक साल बाद दोबारा एनओसी नहीं जमा करना या फिर गाइडलाइन का पालन नहीं करना है। इस कारण ऐसे लोगों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
2024 में तीन व्यापारियों ने ही लिया है लाइसेंस:
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुबीर रंजन ने बताया कि इस साल तीन व्यापारियों ने ही स्लाटरिंग और मीट प्रोसेसिंग के लिए लाइसेंस लिया है। जबकि इस साल कुल मिलाकर 524 आवेदन रद्द किए गए, उन आवेदनों में अधिकांश में या तो एनओसी नहीं दी गई थी या फिर डाक्यूमेंट्स की कमी के कारण आवेदन रद्द किए गए।
खुले आम मांस की बिक्री को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा था कि रांची समेत पूरे राज्य में खुले में मांस की बिक्री हो रही है। पशुओं को काटकर खुले में लटका दिया जाता है, इससे रास्ते से आने-जाने वालों को परेशानी होती है। जबकि, खुले में मांस की बिक्री करने का प्रावधान नहीं है। न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को नियमों का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया था, लेकिन न्यायालय के आदेश के बावजूद पुलिस प्रशासन उदासीन दिख रही है।
लाइसेंस नहीं तो चलेगा प्रशासन का डंडा:
ऐसे व्यापारी जिसके पास लाइसेंस नहीं है और अपनी दुकान चला रहे हैं। उस पर जल्द ही पुलिस प्रशासन का डंडा चलने वाला है। और ऐसे लोग जो आवेदन में गलत जानकारी देकर लाइसेंस प्राप्त कर लिए हैं, उस पर भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण की धारा 61 के तहत दस लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अभी विभाग ऐसे व्यापारी जिसके पास लाइसेंस है, उसके लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करने वाला है। गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर लाइसेंस को निलंबित किया जाएगा।
- सुबीर रंजन, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, रांची
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