शादी का मौसम आते ही शहरों में फूलों की मांग में भी तेजी आ जाती है। हर कोई अपने खास दिन को यादगार बनाने के लिए सजावट में फूलों का भरपूर इस्तेमाल करता है। बात सिर्फ दूल्हे राजा की गाड़ी सजाने या हल्दी सेरेमनी की रंगीनता को बढ़ाने और मंडप सजाने तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि अब शादी घर या मैरेज हाल के प्रत्येक कोने को महकाने का चलन बढ़ा है। पैसेज के गलियारे, स्वागत द्वार, और रिसेप्शन हाल भी अब देशी और विदेशी फूलों से सज रहे हैं। यह बदलाव न केवल पारंपरिक सजावट को नयापन दे रहा है, बल्कि दूल्हा-दुल्हन की शादी को एक अंतरराष्ट्रीय फ्लेवर भी प्रदान कर रहा है।
शादी में चार चांद लगाने के लिए अब बाजारों में देशी के साथ-साथ विदेशी फूलों जैसे ट्यूलिप्स, आर्किड, लिली, गुलाब, हाइड्रोजेनिया और लैवेंडर आदि की मांग भी तेजी से बढ़ी है। ये फूल सिर्फ अपनी खूबसूरती और विविधता के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अद्भुत रंग और खुशबू के लिए भी बाजार में अपनी लोकप्रियता बढ़ाए हुए हैं। फूल विक्रेताओं की मानें तो रांची में हर दिन लाखों रुपये के फूलों की बिक्री हो रही है। वहीं, शादी के मौसम के कारण इसकी मांग भी बढ़ गई है।
फूलों के लिए हो रही एडवांस बुकिंग:
शादी के मौसम में बाजारों में फूलों की मांग तेजी से बढ़ जाती है, खासकर विदेशी फूलों की। फूल विक्रेताओं ने बताया कि शादी के पंडाल सजाने के लिए ग्राहकों को 50 प्रतिशत पेमेंट के साथ एडवांस बुकिंग करानी पड़ती है, क्योंकि विदेशी फूलों जैसे ट्यूलिप्स, आर्किड, लिली, गुलाब, हाइड्रोजेनिया और लैवेंडर आदि की कीमत अधिक होती है और इसकी आयात दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता से होती है। विक्रेताओं के मुताबिक, वे ग्राहकों के आर्डर के हिसाब से फूल मंगवाते हैं, इन फूलों के महंगे दामों और सीमित उपलब्धता को देखते हुए एडवांस बुकिंग का चलन बढ़ा है।
50 हजार से लेकर 20 लाख रुपये तक होती है सजावटें:
शादी में सजावट के दौरान स्टेज, हल्दी सेरेमनी, वरमाला, कार डेकोरेशन, द्वार से लेकर पैसेज के गलियारा और मंडप की सजावट की कीमतें अलग-अलग होती हैं। न्यूनतम कीमत 50 हजार रुपये से शुरू होती है, जबकि अधिकतम सजावट की लागत 20 लाख रुपये तक होती है। वहीं, बात करें यदि केवल स्टेज और वरमाला की सजावट की, तो इसकी कीमत 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक होती है। कार डेकोरेशन में 10-20 हजार रुपये, द्वार सजावट और मंडप में न्यूनतम 1 लाख रुपये से पूरी शादी की सजावट और पैसेज के गलियारे की सजावट की कुल लागत 15- 20 लाख रुपये तक होती है। वहीं, बात करें अगर आर्टिफिशियल फूल और उनकी सजावटों की तो इसकी भी न्यूनतम कीमत 1 लाख रुपये से शुरू होती है।
शहर में कहां-कहां हैं दुकानें:
रांची में फूलों की दुकानों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। शहर के प्रमुख इलाकों जैसे लालपुर चौक, कचहरी चौक, मेन रोड काली मंदिर, घंटाघर, कांके रोड, सिदगोड़ा, हरमू, डोरंडा रोड में कई फ्लोरिस्ट की दुकानें स्थित हैं, जहां शादी व अन्य कार्यक्रमों के लिए ताजे फूल मिलते हैं। वहीं, इसकी खेती शहर के आसपास के क्षेत्रों में भी बढ़ रही है। खासकर कांके, ओरमांझी, नगड़ी, चंदवा, चान्हो और रामगढ़ के इलाके में किसानों द्वारा गुलाब, मोगरा, गेंदा, उड़हुल और जरबेरा जैसी फूलों की खेती की जाती है। इसके अलावा, विदेशी फूलों जैसे आर्किड्स और लिली की खेती का रुझान भी बढ़ा है।
सजावट में देशी फूलों की अधिक डिमांड:
विक्रेता बताते हैं कि शादी के सीजन में ज्यादातर देशी फूलों की मांग रहती है। इसका एक बड़ा कारण सस्ता होने के साथ ही आसानी से उपलब्ध हो जाना भी है। इन फूलों में गेंदा, उड़हुल, मोगरा, गुलाब, जरबेडा और चमेली की अधिक डिमांड है। इन फूलों को न केवल मंडप और स्टेज सजावट में इस्तेमाल किया जा रहा है, बल्कि वरमाला और द्वार सजावट में भी इनका विशेष स्थान है। साथ ही, इन फूलों की खुशबू और रंगों की पारंपरिक सुंदरता भी शादियों में एक अलग ही माहौल बनाती है।
डेजी फ्लावर के संचालक संजय कुमार ने बताया कि फूलों की कीमतों में 20- 25 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, लेकिन इसका बाजार पर कोई असर नहीं देखा जा रहा है। मांग में कोई कमी नहीं आई है, नवंबर में शुरू होने वाले मुहूर्त के लिए सजावट की बुकिंग पहले ही हो चुकी है। - संजय कुमार, विक्रेता
Write a comment ...