सर्दी के दस्तक के साथ ही शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और गलियों में गुड़ और तिलकुट की सुगंध लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगती है। मकर संक्रांति की तैयारी और तिलकुट का स्वाद इस मौसम को और भी खास बना देता है। हर जगह लकड़ी के मोटे कट्ठे पर तिलकुट कूटने की आवाज़ और उसकी बनावट की प्रक्रिया देखते ही बनती है। ये सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि परंपरा, मेहनत और स्वाद का मेल है। रांची के अपर बाजार में तिलकुट बनाने वाले कारीगरों का हुनर अद्वितीय है। गया जिले के सरघाटी निवासी दिलीप प्रसाद पिछले 25 वर्षों से तिलकुट बनाने का काम कर रहे हैं। उनके साथ काम करने वाले दो अन्य कारीगर, गुड्डू कुमार और संदीप भी गया के ही रहने वाले हैं। दिसंबर से फरवरी तक इनका कारोबार खूब चलता है। दिलीप बताते हैं कि हम हर दिन करीब 70 किलो तिलकुट बनाते हैं। बाजार में गुड़ और चीनी के तिलकुट की मांग है, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड गुड़ वाले तिलकुट की होती है। इस साल गुड़ और चीनी के तिलकुट का दाम 300-320 रुपये प्रति किलो है। तैयार तिलकुट शहर के आसपास के क्षेत्रों में भेजा जाता है।
क्या है तिलकुट बनाने की प्रक्रिया :
दिलीप बताते हैं कि तिलकुट बनाने की प्रक्रिया में बड़ी सावधानी और मेहनत की जरूरत होती है। पहले तिल को अच्छे से भूनकर उसकी नमी निकाली जाती है। फिर गुड़ या चीनी को गर्म को उसे बड़े बड़े कट्ठा या लट्ठा में एक किया जाता है, फिर उसे काटकर छोटे कट्ठा में बांटा जाता है। फिर उसे मिट्टी के एक हंडी में तिल के साथ गर्म तिल को कूटकर लड्डू या पट्टी के रूप में तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह हाथ से होती है, और यही इसे खास बनाती है। वहीं बात करें यदि तिल की तो यह रांची के डाल्टनगंज, पलामू और अन्य क्षेत्रों से आता है, जो इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।
क्या हैं तिलकुट खाने के फायदे :
सर्दियों में तिल और गुड़ के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण तिलकुट एक आदर्श मिठाई है। आइए, जानते हैं इसके फायदे:
1. शरीर को गर्म रखता है: तिल और गुड़ में ऐसे तत्व होते हैं, जो शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। सर्दियों में यह ठंड से बचाने में मदद करता है।
2. ऊर्जा का स्रोत: तिलकुट प्राकृतिक शर्करा का अच्छा स्रोत है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
3. हड्डियों को मजबूत करता है: तिल में कैल्शियम और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
4. पाचन में सहायक: गुड़ पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
5. त्वचा के लिए फायदेमंद: तिल और गुड़ में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट त्वचा को निखारने और सर्दियों में रूखेपन से बचाने में मदद करते हैं।
लोकल कारोबार और परंपरा का समर्थन :
तिलकुट न केवल स्वाद और सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों की आजीविका का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिसंबर से फरवरी तक तिलकुट बनाने वाले कारीगरों का व्यवसाय अपनी चरम पर होता है। उनकी मेहनत से बना यह स्वाद सर्दियों को और भी यादगार बना देता है।
सर्दी की खास मिठाई है तिलकुट :
गुड़ और तिल की इस मिठाई का स्वाद सिर्फ जीभ पर नहीं, बल्कि ह्रदय में बसता है। यह मिठाई न केवल सर्दियों का स्वाद है, बल्कि परंपरा और संस्कृति का प्रतीक भी है। रांची के बाजारों में इसकी महक और कारीगरों की मेहनत इस बात का सबूत है कि भारतीय मिठाइयों की खासियत किसी से कम नहीं।
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