राजधानी रांची से 10 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव भी है, जहां के लोगों को पीने के पानी के लिए आधा से एक किलोमीटर दूर जाना होता है, तब जाकर पीने का पानी उपलब्ध होता है। हम बात कर रहे हैं जगन्नाथपुर के बड़कागढ़ गांव की। यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए हर रोज संघर्ष करना पड़ता है। गांव के लोग बताते हैं कि गांव में तीन चापाकल और एक कुआं है, जिसमें से एक चापाकल वर्षों से खराब पड़ा हुआ है।
400 की आबादी पर 2 चापाकल और एक कुआं : गांव के रामचंद्र बहादुर बताते हैं कि गांव में तीन चापाकल और एक कुआं है। जिसमें से एक चापाकल वर्षों से खराब है। दो चापाकल और एक कुआं से ही गांव के लगभग 400 लोगों की पानी की जरुरतें पूरी होती हैं। खराब चापाकल को ठीक करने के लिए पार्षद को कई बार लिखित शिकायत भी दिया, लेकिन उसका कोई भी परिणाम सामने निकलकर नहीं आया। दो चापाकल और कुआं है तो उसका पानी पीने योग्य नहीं है। पानी में बहुत ज्यादा क्लोरीन, आयरन और मैग्नीशियम जैसे तत्वों की अधिकता है। इसलिए गांव के लोग कुएं का पानी नहीं पीते हैं। गर्मियों में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। पीने के पानी के लिए एटीएस के पास स्थित निश्शुल्क होम्योपैथी चिकित्सा केंद्र के पास लगे नल से पीने का पानी कोई साइकिल से तो कोई माथे पर बर्तन में भरकर लाते हैं।
गांव के ही मशीह कच्छप बताते हैं कि इस गांव की अधिकतर लड़कियां घर का काम और अन्य जरुरी कार्य करती हैं। वे बताते हैं कि इस गांव की लड़कियों के हाथों में किताबें नहीं दिखती, ज्यादातर समय वे घर के लिए पानी लाना और अन्य कार्यों में हाथ बंटाती हैं। वहीं गांव के कुछ लड़के उच्च शिक्षा के लिए राजधानी का रुख करते हैं, तो कुछ रोजगार के लिए दूसरे शहर चले जाते हैं। मशीह की यह टिप्पणी समाज में व्याप्त लिंग असमानता को भी उजागर करती है, जहाँ लड़कियों को घरेलू कार्यों तक सीमित कर दिया जाता है। उनका मानना है कि गांवों में लड़कियों को शिक्षा के बजाय बर्तन धोने, पानी लाने और घर के अन्य कामों में व्यस्त रखा जाता है। यह एक कड़वी सच्चाई है कि अधिकतर लड़कियों को स्कूल जाने का अवसर तक नहीं मिलता और उनकी प्रतिभा व अवसरों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।
बड़कागढ़ में नहीं पहुंचा नल से जल : गांव के लोग बताते हैं कि इस गांव तक नल जल योजना का लाभ पांच वर्षों में भी नहीं पहुंच सका। जबकि पड़ोसी गांव जगन्नाथपुर, बंगालीकोचा में नल से जल पहुंचा है। पांच वर्षों में विधायक राजेश कच्छप ने गांव के में दो पानी की टंकी लगाई है, जिससे सुबह-शाम पानी आता है। पानी की टंकी के पास ही दो नल लगाया गया है, जिससे लोग नहाने, कपड़ा धोने और बर्तन साफ करने आदि में करते हैं। लोगों के घरों तक नल से जल नहीं पहुंचता है।
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