जो जितना ज्यादा पढ़ा-लिखा उतना ज्यादा मूर्ख
पढ़े-लिखे अमीरों के घरो में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बाथरूम को बेडरूम से अधिक सुंदर बनाया जाता है. ये उदाहरण सिर्फ अमेरिका और यूरोप के देशों में ही नहीं बल्कि भारत में देखने को मिल जाएगा. वहां पढ़े-लिखे अमीर लोग शौच करते-करते मैगजीन, न्यूजपेपर व मोबाईल के द्वारा अपना समय बिताते हैं. उनके लिए सुबह-सुबह भजन कीर्तन और संगीत से ज्यादा श्रेष्ठ एक कुत्ते की जंजीर पकड़ कर उसे शौच करवाने जाना उचित समझा जाता है. वह अपने बच्चों के लिए नौकर रखता है और स्वयं कुत्ते का नौकर बन जाता है. इतना ही नहीं कुत्ता को स्नान करवाना, उसे साथ में गाड़ी में घुमाना और साथ में ही उसे अपने साथ सुलाता तक भी है. साथ ही साथ घरों के दरवाजे पर अतिथि देवो भवः की जगह कुत्तों से सावधान लिखवाकर स्वयं परिवार सहित अपने को विकसित समझता है.