आटो व ई-रिक्शा का चक्का जाम, दिनभर परेशान रहे लोग

राजधानी रांची में आटो और ई-रिक्शा परमिट के नियमों में बदलाव के बाद सभी चालक मंगलवार को सड़कों पर उतरकर इस नियम का विरोध किया। और रांची के सभी आटो और ई-रिक्शा चालकों ने अपनी वाहन को सड़क पर उतरने नहीं दिया।

आटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल का सीधा असर राजधानी रांची की सड़कों पर दिखा। हड़ताल की वजह से लोगों को सफर करने में बहुत परेशानी हुई। बात रेलवे स्टेशन पहुंचने की हो या बस स्टेशन की या फिर हो अस्पताल जाने की। एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने वाले सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासतौर से रेलवे स्टेशन और अस्पताल जाने वाले लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी और किराया भी ज्यादा देना पड़ा। बरियातू के रहने वाले अभिषेक कुमार बताते हैं कि मुझे हैदराबाद जाना था, रांची स्टेशन से ट्रेन सुबह 9 बजे थी, इसके लिए मैंने 400 रूपए खर्च किए लेकिन ट्रेन छूट गई।

लोग पैदल सफर करने को मजबूर:

धुर्वा में झारखंड उत्पाद पुलिस की दौड़ थी। दौड़ में शामिल हुआ, लेकिन उधर से स्टेशन तक पहुंचने के लिए कोई भी साधन नहीं था। तो वहां से मजबूरी में पैदल चलकर आना पड़ा।

दयानंद प्रजापति, बलिया

पिताजी की तबीयत ठीक नहीं है। रायपुर में इलाज चल रहा है। पिताजी से मिलने के लिए रायपुर जाना है। लेकिन रांची से आइटीआइ बस स्टैंड तक जाने के लिए कोई साधन ही नहीं है। रैपिडो वाले 400रूपये मांग रहे थे तो मजबूरी में पैदल ही जाना पड़ रहा है।

अशोक मीम, मांडर

गुण्डू से आया हूं, बरियातू जाना है। 2 घंटे से कांटाटोली चौक के पास इंतजार कर रहा हूं कि कोई आटो आएगी लेकिन आज आटो ही नहीं आ रही है। कोई भी ले जाने के लिए तैयार नहीं है।

कुहिया महतो, गुण्डू

मां की आंख का आपरेशन कराना है। प्लस हास्पिटल जाना है। लेकिन जाने का कोई भी साधन नहीं है। अब आज रात स्टेशन में ही गुजारेंगे। फिर अगले मां की आंख का आपरेशन कराना है।

सिट्टू मीना, लहाबन

आटो चालक ने बयां किया दर्द:

रांची स्टेशन पर जब एक आटो वाले से बातचीत की तो उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर अपनी परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में बताया और कहा कि साहब आटो चलाने को तो मैं चला सकता हूं लेकिन रास्ते में कहीं तोड़-फोड़ न हो जाए, इस बात का डर लगता है।

आपदा में अवसर:

आटो और ई-रिक्शा नहीं चलने की वजह से अधिक किराया वसूलते पैडल रिक्शा चालक

आपदा में अवसर तलाशने की बात हो तो आज का दिन पैडल रिक्शा चालक और रैपिडो के लिए उपयुक्त रहा। आटो और ई-रिक्शा के नहीं चलने की वजह से आज रिक्शा चालक भी 1-1.5 किमी की दूरी का किराया 100-150 रूपए तक ले रहे थे। वहीं रैपिडो वाले भी स्टेशन से लालपुर चौक का किराया 150रूपए तक ले रहे थे। इतना ही नहीं आज के दिन इनके बात करने का लहजा भी बदला दिखा।

ऑटो और ई-रिक्शा चालक किस बात से हैं नाराज:

राजधानी के 20 किलोमीटर की परिधि में आटो चलाने के नियम में बदलाव के विरोध में आटो और ई-रिक्शा चालकों की हड़ताल शुरू हो गई है।रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए ट्रैफिक पुलिस के द्वारा शहर के 20 किलोमीटर की परिधि में ऑटो चलाने के नियम में बदलाव करते हुए 4 जोन में आटो परिचालन का रूट बांट कर 4-4 किलोमीटर का दायरा बनाया गया है। इस कारण मंगलवार से 12 हजार से अधिक आटो और करीब 2500 ई-रिक्शा चालक हड़ताल पर चले गए हैं।

पूरे शहर में आटो का परिचालन बंद:

आटो और ई-रिक्शा चालक संघ के सदस्य व संघ के प्रतिनिधि

इस संबंध में झारखंड प्रदेश सीएनजी आटो चालक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सोनी ने बताया कि आटो चालक खुद सड़कों पर उतरकर आटो के परिचालन को बंद करवा रहे हैं। आटो चालक महासंघ के अनुसार पहले 17 किलोमीटर के दायरे में आटो चालक आटो चलाते थे। लेकिन नए नियम के अनुसार मात्र 4 किलोमीटर के दायरे में आटो चलाने की इजाजत दी गई है, जो किसी भी कीमत पर कबूल नहीं है। आटो चालकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक किसी भी रूट पर आटो और ई-रिक्शा का परिचालन नहीं होगा।

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Ajay Sah

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Ajay Sah

गांव-गांव और शहर-दर-शहर की गलियों में भटकता, जज़्बातों की कहानियाँ बुनता हूँ। हर मोड़ पर नया अनुभव, दिल के कोने में छुपी भावनाओं को जीता हूँ।